Sunday 1 December 2013

CBSE Class 10 - Hindi (B) - अब कहाँ दूसरों के दुःख में दुःखी होने वाले

अब कहाँ दूसरों के दुःख में दुःखी होने वाले
घर को खोजें रात दिन, घर से निकले गाँव
वो रस्ता ही खो गया, जिस रस्ते था गाँव
                                     -निदा फ़ाज़ली

प्रश्न १: प्रकृति में आए असंतुलन का क्या परिणाम हुआ?

उत्तर : प्रकृति में आए असंतुलन का यह परिणाम हुआ कि कोई भी प्रदूषण के प्रभाव से अछूता नहीं रहा | पक्षियों ने बस्तियों से भागना शुरू कर दिया | गर्मियों में ज़्यादा गर्मी, बेवक्त की बरसातें, भूकंप, सैलाब, तूफ़ान, ज़लज़ले और नित नए रोगों के रूप में हम इस असंतुलन के प्रभाव को स्पष्ट देख सकते हैं | प्रकृति की सहनशक्ति की एक सीमा होती है और जब उसके साथ अत्यधिक छेड़छाड़ की जाती है, तो प्रकृति में असंतुलन पड़ जाता है | इससे पर्यावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है |

प्रश्न २: लेखक की माँ ने पूरे दिन रोज़ा क्यों रखा ?
 
उत्तर : लेखक की माँ ने पूरे दिन का रोज़ा रखा ताकि वह अपनी भूल का प्रायश्चित कर सके | लेखक के ग्वालियर के घर में एक कबूतर के जोड़े ने अपना घोंसला बना लिया था, जिसमें रखे दो अण्डों में से एक बिल्ली ने तोड़ दिया था | लेखक की माँ को यह देखकर बहुत दुःख हुआ | उन्होंने स्टूल पर चढ़कर दूसरे अंडे को बचाने की कोशिश की परन्तु वह अंडा उनके हाथ से गिरकर टूट गया | कबूतरों की परेशानी और दुःख देखकर माँ की आँखों में आँसू आ गए | उस दुःख में उन्होंने कुछ भी खाया-पीया नहीं और बस रोती रहीं | खुदा से माफी माँगने के लिए उन्होंने पूरे दिन का रोज़ा रखा और नमाज़ पढ़कर इस गलती को माफ़ करने की दुआएँ मांगती रही |

प्रश्न 3: 'डेरा डालने' से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर : डेरा डालने का अर्थ है- अस्थायी निवास | लेखक यह कहना चाहते हैं कि बढ़ती जनसंख्या के कारण असंख्य बड़ी-बड़ी इमारतों का निर्माण किया गया | पेड़- पौधों को काटा गया और वनों की भूमि पर बस्तियाँ बना दी गईं | इससे पशु- पक्षियों के बसेरे छिन गए | उनकी अनेक प्रजातियाँ समाप्त हो गईं और वे अपना घोंसला छोड़कर यहाँ- वहाँ डेरा डालने लगे | शहरों में बनी विभिन्न इमारतों के बीच इन्होंने अपने रहने का स्थान बनाया लेकिन इन घरों में रहने वाले लोगों ने इन्हें वहाँ से भी भगा दिया | इसका परिणाम यह हुआ कि इन पक्षियों के पास रहने के लिए कोई निश्चित व स्थायी ठिकाना नहीं है | इसलिए इनकी व्यथा को स्पष्ट करने के लिए लेखक ने डेरा- डालने जैसे शब्द का प्रयोग किया है |

प्रश्न ४: समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी ? उसने अपना गुस्सा कैसे निकला ?

उत्तर : समुद्र के गुस्से की वजह थी उसका सिमटना | निरंतर बढ़ती आबादी के कारण बिल्डर धीरे-धीरे समुद्र की ज़मीन छीनकर उसपर बस्तियाँ बनाते जा रहे थे | समुद्र ने अपने आप को बहुत सिकोड़ा | जब उसकी सहन-शक्ति की सीमा समाप्त हो गई, तो वह गुस्से से भर उठा | उसने अपना गुस्सा प्रकट करने के लिए लहरों द्वारा तीन जहाज़ों को बच्चों की गेंद की तरह उछालकर तीन दिशाओं में फेंक दिया | एक जहाज़ वर्ली के समुद्र के किनारे जा गिरा, दूसरा बांद्रा के कार्टर रोड के सामने औंधे मुँह जाकर गिरा और तीसरा गेटवे ऑफ इंडिया पर गिरा | ये तीनों जहाज़ अनेक कोशिशों के बाद भी चलाने लायक नहीं हो सके |

प्रश्न ५: " जो जितना बड़ा होता है, उसे उतना ही कम गुस्सा आता है |" आशय स्पष्ट करें |

उत्तर : प्रस्तुत कथन का आशय यह है की बड़ा व्यक्ति सदैव उदार हृदय होता है | लेखक कहना चाहते हैं कि महान व बड़े व्यक्ति में कई गुणों का संगम होता है | उनमें से एक गुण यह है कि वे सहनशील होते हैं और अपने क्रोध पर नियंत्रण करना जानते हैं |

उन्हें सामान्यतः क्रोध नहीं आता परन्तु जब आता है तो उसपर नियंत्रण करना कठिन है | समुद्र इसका सबसे बड़ा उदाहरण है | ऊपर से शांत और गंभीर दिखने वाले सागर को जब गुस्सा आता है, तो वह प्रलय का दृश्य प्रस्तुत कर देता है | इसका सजीव उदाहरण मुंबई के पास देखने को मिला था, जब सागर ने अपने ऊपर तैरने वाले तीन जहाज़ों को उछालकर बुरी तरह तहस-नहस कर दिया था |

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